लॉकडाउन के समय घर से ही इम्यूनिटी को कैसे मजबूत करें ?

लॉकडाउन के समय घर से  ही इम्यूनिटी को कैसे मजबूत करें ?

कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से कितने दिनों तक लड़ सकता है यह उसकी इम्यूनिटी पर निर्भर करता है

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कोरोना वायरस का संकट जब से उभरा है, तब से एक बात हर स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहता आ रहा है कि लोगों के अपने रोग प्रतिरोधी तंत्र यानी इम्यून सिस्टम को बेहतर करने पर ध्यान देना चाहिये. कोई व्यक्ति किसी बीमारी या वायरस से कितने दिनों तक लड़ सकता है, यह उसकी इम्यूनिटी पर ही निर्भर करता है. कोरोना वायरस के मामले में यह देखने में आया है कि जिन लोगों की इम्यूनटी कमजोर थी, उनमें वायरस के लक्षण तेजी से गंभीर स्थिति में पहुंच गए. ज्यादा मौतें भी उस आयुवर्ग के लोगों की हुई हैं जिनकी इम्यूनिटी आमतौर पर कमजोर मानी जाती है.

यानी कोरोना वायरस से बचाव के लिए इम्यूनिटी मजबूत होना बेहद जरूरी है. इसके लिए लोग विटामिन की गोलियां और तमाम तरह के सप्लीमेंट लेते हैं. लेकिन इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है कि ऐसे उत्पाद इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में कारगर हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ विटामिन की गोलियां और सप्लीमेंट लेने के बजाय लोगों को उन तरीकों को अपनाने की सलाह देते हैं, जिनसे इम्यूनिटी मजबूत होने के ठोस प्रमाण मिले हैं. ख़ास बात यह है कि लॉकडाउन के समय में इन तरीकों के जरिये घर बैठे ही इम्यूनिटी को मजबूत किया जा सकता है.

जानकार सबसे पहले लोगों को अपने आहार में बदलाव की सलाह देते हैं. उनके मुताबिक खाने में रोज हरी-पत्तेदार सब्जियां और रसदार फल शामिल करने से शरीर को विटामिन और जिंक की पर्याप्त मात्रा मिल जाती है. साथ ही अंकुरित अनाज (जैसे मूंग, मोठ, चना आदि) और भीगी हुई दालों के रोज सेवन से विटामिन और खनिज की कमी को पूरा किया जा सकता है. जानकारों के मुताबिक चीनी, अल्ट्रा-कार्बोहाइड्रेट और वसा युक्त आहार के ज्यादा सेवन से बचना चाहिए.

बीते सालों में हुए कुछ शोध में यह भी सामने आया है कि रोजाना दही खाने से भी इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. दही में प्रोबायोटिक्स यानी सूक्ष्म जीव होते हैं जो हमारे शरीर में मौजूद ‘अच्छे बैक्टीरिया’ के संतुलन को बेहतर बनाते हैं. ये अच्छे बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम का ही हिस्सा होते हैं, जो ‘ख़राब बैक्टीरिया’ और वायरस का डटकर मुकाबला करते हैं. दही के अलावा लहसुन, प्याज, अदरक भी ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो ‘ख़राब बैक्टीरिया’ को मारने की क्षमता बढ़ाते हैं. कुछ जानकार इस समय लोगों को एंटीबायोटिक दवाओं से बचने का सुझाव देते हैं, क्योंकि ये अच्छे बैक्टीरिया को काफी हद तक ख़त्म कर देते हैं.

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों के सहायक प्रोफेसर मॉर्गन काटज़ एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में बताते हैं कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते दुनिया भर में लोग डरे हुए हैं. वे काफी ज्यादा तनाव में हैं जबकि तनाव इम्यून सिस्टम को सीधे-सीधे प्रभावित करता है. अधिक तनाव के चलते शरीर में कॉर्टिसॉल हार्मोन या स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे इम्यूनिटी कमजोर होती है. ऐसे में प्रोफेसर काटज़ लोगों को ऐसी गतिविधियां अपनाने की सलाह देते हैं, जिनसे तनाव कम करने में मदद मिले. वे आगे कहते हैं कि तनाव कम करने के लिए लोगों को आराम करने और पर्याप्त मात्रा में सोने के साथ-साथ योग को तरजीह देने की जरूरत है.

इस मामले में कुछ जानकार कम और हल्का व्यायाम करने की सलाह भी देते हैं. उनके मुताबिक अगर रोज करीब आधा घंटे व्यायाम किया जाए तो इससे कॉर्टिसॉल हार्मोन का स्तर घट जाता है और इम्यून सिस्टम बेहतर काम करने लगता है. हल्के व्यायाम का मतलब केवल यह नहीं है कि जिम में ही पसीना बहाया जाए, तेजी से टहलना और दौड़ना भी कॉर्टिसॉल हार्मोन का स्तर घटाने में सहायक है.

यहां पर कुछ जानकार एक चेतावनी भी देते हैं. ये लोग कहते हैं कि ध्यान रहे, हल्का व्यायाम ही करना है ज्यादा नहीं, क्योंकि ज्यादा व्यायाम करने वालों के जल्दी संक्रमित होने का खतरा बना रहता है. अमेरिका स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक सेंटर फॉर फंक्शनल मेडिसिन की निदेशक एलिजाबेथ ब्रैडले एक साक्षात्कार में बताती हैं, ‘व्यायाम इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करता है, लेकिन हमें सावधानी बरतने की ज़रूरत है क्योंकि ज्यादा और कठोर व्यायाम आपकी इम्यूनिटी को कमजोर कर सकता है.’ हाल में एक अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि हुई है.